हे राघव…

Uncategorized

रघुकुल नंदन राघव रमेश हे राम सदा निष्काम हो तुम।
तुम आञ्जनेय वंदित रघुवर दशरथसुत पूरन काम हो तुम।
कौशल्यानंदन हे भरताग्रज, नयनाभिराम अभिराम हो तुम।
तुम रावण के संहारक हो संतों के संरक्षक हो तुम
हो आर्य श्रेष्ठ सीता वर भी ,
मानवता के पोषक हो तुम।
तुम ही तो हो सुग्रीव सखा संस्कृति के उन्नायक हो तुम
हो सूर्यवंश का अमित तेज
शबरी सुतीक्ष्ण प्रिय राम हो तुम।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *